mere bacche ko bar bar bukhar ana kya ok hai?बुखार क्या है? क्या यह दोस्त है या दुश्मन?बुखार:सामान्य उपचार विधि।

 बुखार: सामान्य प्रबंधन

नमस्ते मित्रों ।

 इस ब्लॉग मे हम बच्चो मे बुखार और इसका इलाज कैसे करना है इसके बारे मे जानेंगे।

बुखार संबंधी माता पिता द्वारा सबसे  ज्यादा पूछे जानेवाले सवालो और उनके जवाबों के माध्यम   से बताएँगे।

प्रश्न 1. बुखार क्या है? क्या यह दोस्त है या दुश्मन?


young boy holding a digital thermometer indoors,related to health issues


सामान्य तापमान

  • शरीर का सामान्य तापमान लगभग 37°C (98.6°F) होता है, जो लगभग 0.6° प्लस या माइनस होता है। 
  • जब शरीर को किसी भी संक्रमण या सूजन(इन्फ़्लमेसन), का पता चलता है ,तब  मस्तिष्क स्थिति से लड़ने के लिए शरीर का तापमान बढ़ाकर प्रतिक्रिया करता है
  • तो, बुखार विभिन्न प्रकार के संक्रमण या सूजन के खिलाफ शरीर की रक्षा तंत्र की तरह है।
  •  मलाशय का तापमान(रेक्टल ) 38°C (100.4°F) से अधिक तापमान को बुखार माना जाता है। 


शरीर का उच्च तापमान हमारे लिए दो तरह से फायदेमंद होता है।

 – पहला,

  •  बढ़ा हुआ तापमान रोग प्रक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है, 

और दूसरा

  • यह एक महत्वपूर्ण संकेत जो हमें बताता है कि शरीर में “सब कुछ ठीक नहीं है”, और इसलिए हमें ईसका मूल कारण तलाश करने के लिए प्रेरित करता है। 
  • हालाँकि, बुखार बच्चे को असहज कर देता है और शरीर के चयापचय (मेटाबोलिसम)  संबंधी जरूरतों को बढ़ा देता है। 
  • बुखार स्वयं न तो मित्र है और न ही शत्रु; बल्कि, यह एक संदेशवाहक है जो आपके लिए अधिसूचना लाता है जब भी आपका शरीर किसी संक्रमण या सूजन का जवाब दे रहा हो।

प्रश्न 2. छूने पर मेरे बच्चे का माथा हमेशा गर्म महसूस होता है। 

क्या यह बुखार है?


parent using a digital thermometer for temperature check on a baby lying on a bed


  • स्पर्श करना तापमान मापने का एक कच्चा और अविश्वसनीय तरीका है।
  • तापमान लेने के लिए एक डिजिटल थर्मामीटर सर्वोत्तम है।
  •  पारा(मरक्युरि) थर्मामीटर का उपयोग न करें, क्योंकि यह विषैला होता है और टूट सकता है।
  •  हालांकि तापमान मापने का सबसे सटीक तरीका मलाशय(रेक्टल)  के माध्यम से होता है।
  •  इस तरीके  में कुछ विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है और ये बच्चे के लिए ये आरामदायक नहीं होता है। 
  •  बगल(एक्सिलरी)तापमान विधि काफी सटीक और सबसे सामान्य रूप से बच्चों में प्रयोग किया जाता है। 
  • हालाँकि यह जानना महत्वपूर्ण है कि बगल का तापमान मौखिक तापमान से 0.5-1.0°F कम है, जबकि मलाशय का तापमान मौखिक तापमान से 0.5-1.0°F अधिक होता है।

आयु अनुशंसित तकनीक

जन्म से 6 माह तक 

  1.  मलाशय (निश्चित)
  2.  एक्सिलरी (स्क्रीनिंग) 



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6 महीने से 5 साल तक 

  1.  रेक्टल (निश्चित) 
  2. एक्सिलरी, टाम्पैनिक या टेम्पोरल धमनी (स्क्रीनिंग)

5 वर्ष से ज्यादा की आयु 

  1.  मौखिक (निश्चित)
  2.  एक्सिलरी, टाम्पैनिक या टेम्पोरल धमनी (स्क्रीनिंग)

father uses a infrared thermometer measure his baby's temperature at home


तापमान लेने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • तापमान लेने के लिए अलग अलग डिजिटल थर्मामीटर इस्तेमाल किए जाते है।

डिजिटल थर्मामीटर 


close-up of a digital thermometer and pills on white trey


  • हमेशा उपयोग से पहले  निर्माता का निर्देश  सावधानी पूर्वक पढ़े
  • इसे रेक्टल, एक्सिलरी या मौखिक तापमान मापने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • थर्मामीटर को इस्तेमाल से पहले  एक साफ कपड़े से साफ जरूर करें ।

2 इलेक्ट्रॉनिक कान(टिंपेनीक)थर्मामीटर


close-up picture of a tempanic thermometere on table



  • ये कान के पर्दे की गरमी की लहरों को मापते हैं, ये 6 महीने या उससे अधिक के शिशुओं में उपयोग किया जाता है।


3 टेम्पोरल धमनी थर्मामीटर


healthworker measuring a temperature of girl lying on bed by using a temporal thermometere


  • ये शर की  गरम लहरों को मापते हैं,3 महीने या उपर के शिशुओं में उपयोग किया जाता है
  •  यह बिना छूए उपयोग कर सके और   बच्चों का  स्क्रीनिंग करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है , लेकिन घर के लिए  या अस्पताल जहा पर निश्चित तापमान जरूरी होता है ,वहा पर उपयोग की सलाह नहीं दी जा सकती है


4. इंफ्रारेड थर्मामीटर 


a healthworker checking a temrature of a girl in mask by using a infrared thermometer


  • यह भी एक नॉन टच थर्मामीटर है जिसका  उपयोग तेजी से और नॉन इनवेसिव तरीके से तापमान नापने के लिए कर सकते  है  लेकिन वे सटीक नहीं  है.
  •  उनका उपयोग वर्तमान में घर पर या अस्पताल में उपयोग मे नहीं लाया जा सकता है।इसका मुख्य उपयोग (mass screening) बड़े पैमाने पर बड़ी आबादी की स्क्रीनिंग मे होता है। 


प्रश्न 3.  मेरे बच्चे को बुखार क्यों होता है?



a pediatrician assists a toddler during a routine check-up at a medical clinic


जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है, बुखार शरीर का रक्षा तंत्र है और निम्नलिखित स्थितियों की प्रतिक्रिया में हो सकता है:

  • संक्रमण (वायरल, बैक्टीरियल, प्रोटोजोअल और फंगल)
  • निर्जलीकर 
  • स्वप्रतिरक्षी रोग
  • ड्रग्स
  • टीकाकरण के बाद
  • कैंसर

बच्चों में बुखार के ज़्यादातर कारण हल्के और अपनेआप ठीक होनेवाले होते हैं।

  • वायरल संक्रमण  बच्चों में बुखार का सबसे आम  कारण है।
  •  आपके बाल रोग विशेषज्ञ अंदरूनी कारण जानने के लिए कुछ परीक्षण करने का निर्णय ले सकते है।
  • टीकाकरण के बाद बुखार भी हो सकता है। टीकाकरण बीमारियों को शरीर को संक्रमित करने से रोकता है।
  • टीके की सामग्री उन  वायरस/बैक्टीरिया से बनी होती है जो संक्रमण फैलाते हैं और जिनसे संरक्षण की आवश्यकता है। जब टीका शरीर में प्रवेश करता है, यह शरीर में इममुनिटी सेल्स को सक्रिय करता है, जो आक्रमण के जवाब में इनफ़्लामेटोरी मार्कर को  पैदा करते हैं, जो बदले में इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन और दर्द का कारण बनते हैं और शरीर में बुखार हो जाता है। 

ज्यादातर मामलों में, टीकाकरण के बाद का बुखार अपने आप ठीक हो जाएगा, लेकिन आपके बाल रोग विशेषज्ञ ,बच्चे की परेशानी को कम करने के लिए दवाइयाँ लिख सकते हैं।

प्रश्न 4. जब मेरे बच्चे को बुखार हो जाए तो मुझे क्या करना चाहिए? अगर बुखार हल्का है तो क्या मैं उसे स्कूल भेज सकता हूँ?

  • जब भी किसी बच्चे को बुखार हो, तो  इसका मूल कारण का पता लगाने पर ज़ोर होना चाहिए। 
  •  बुखार के इलाज का मुख्य उद्देश्य  केवल तापमान कम करने के बजाय, बच्चे की असुविधा को कम करना होनी चाहिए।

बच्चे को आरामदायक बनाने के लिए निम्नलिखित कार्य करें:

  • बच्चे को ज़्यादा कपड़े न पहनाए। उसे ढीले और मौसम के अनुसार कपड़े पहनाएं.
  • बच्चे को अच्छे से हाइड्रेटेड रखिये ,क्योकि बच्चा बुखार के दौरान अधिक तरल पदार्थ खो देता है

दवाएँ क्या दें?

  • (एसिटामिनोफ़ेन,इबुप्रोफेन) का उपयोग चिकित्सक  द्वारा बताई गयी   खुराक के मुताबिक किया जा सकता है

क्या स्पंजिंग करनी चाहिए ?


A concerned mother in a mask checks her son's temperature as he rests on a sofa, signifying care and illness. Stock Photo


  • दवाई देने के बाद ,28-30°C तापमान वाले  गुनगुना पानी से बुखार कम करने के लिए स्पंज किया जा सकता है।
  • तापमान कम करने के लिए बर्फ़ीला ठंडा  पानी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए । 
  • शरीर को लगातार सिर से पाँव तक गूनगुने पानी से 15-20 मिनट तक पोछते रहना है,पानी की  शरीर पर लगातार गति से शरीर से गर्मी को निकलने मे मदद मिलती है 
  • पानी  से स्पंजिंग, बुखार उतार ने वाली दवाओ को असर होने मे मदद करता है। 
  • बुखार के दौरान बच्चे को गुनगुने पानी से स्नान  भी करा सकते है। 
  • शिशुओं (3 महीने से कम उम्र के बच्चे) को नहीं स्नान नहीं कराना चाहिए।उन्हे  लंबे समय तक खुला रखने पर शरीर का तापमान नॉर्मल से भी कम हो जाने  (हाइपोथर्मिया ) का खतरा रेहता है।
  • इस आयु वर्ग में स्पोंजिंग को प्राथमिकता दी जा सकती है।

 अगर बुखार हल्का है तो क्या मैं उसे स्कूल भेज सकता हूँ?

  • बिना किसी अन्य लक्षण के हल्का बुखार वाले बच्चे को घर पर रुकने की जरूरत नहीं होती। लेकिन कई स्कूल या चाइल्डकेर केंद्र ,बुखार कम होने के कम से कम 24 घंटे तक बुखार वापस न लौटें तभी आने के लिए कहते है।

बच्चे  को अगर निम्नलिखित कारणों से बुखार हो तो स्कूल ना भेजना  बेहतर है।

  • बच्चा बुखार के दौरान कमजोरी महसूस करता है और असुविधाजनक स्थिति एवम डीहायड्रेशन की वजह से स्कूल में बेठ पाना मुश्किल हो सकता है।
  • बच्चे को अगर वाइरल  संक्रमण हो तो वह अन्य  बच्चों को भी संक्रमित कर सकता है।

प्रश्न 5  क्या मुझे बुखार के लिए एंटीबायोटिक्स देनी चाहिए?



Close-up of a man's hand holding various colorful pills and medication



  • बच्चों में बुखार आमतौर पर वायरल   संक्रमण के कारण होता है.
  • एंटीबायोटिक्स विशेष रूप से बेक्टेरियल संक्रमण  के विरुद्ध उपयोग की जाने वाली दवाएं हैं ,वे वायरस के विरुद्ध प्रभावी नहीं हैं, और उनके अंधाधुंध उपयोग प्रत्येक बुखार संबंधी बीमारी मे सही नहीं  है।
  • आपका डॉक्टर तय करेगा कि बच्चे को  एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता है या नहीं, यह इस पर निर्भर करता है की उन्हे बेक्टेरियल संक्रमण का संदेह है की नहीं.

प्रश्न 6  मेरा बच्चा इस दौरान कुछ भी खाना नहीं चाहता

बुखार। मुझे क्या करना चाहिए?


Close-up of a family with a smiling child enjoying outdoor time together


  • बुखार के कारण बच्चे को असुविधा और मांसपेशियों में दर्द होता है और  वो  चिड़चिड़ा और सुस्त हो जाता है। 
  • बुखार के दौरान हायड्रेशन बनाए रखना महत्वपूर्ण है, और बीमारी के दौरान बच्चे को पानी के छोटे छोटे घूंट पीने के लिए और हल्का भोजन लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ।
  • अगर बच्चा मुह से कुछ भी लेने में असमर्थ हो (यहां तक ​​कि तरल पदार्थ और स्तनपान भी) यह स्थिति आपको  तुरंत आपके बाल चिकित्सक से मिल ना जरूरी है


प्रश्न 7.  मुझे बुखार के लिए कब चिंतित होना चाहिए?

अधिकांश बुखार संबंधी बीमारियाँ गंभीर नहीं होती हैं।

हालाँकि, आपको बाल रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए

यदि आपका बच्चा 3 महीने से कम आयु का  है या  नीचे दिये गये में से कोई लक्षण है:


A mother lovingly holds her baby  capturing a tender moments


  • बहुत ज्यादा रोना या चिड़चिड़ापन, सुस्ती, ड्राव्सीनेस
  • हर चीज की उल्टी हो जाना और कुछ भी मुह से लेने मे असमर्थ  होना।
  • सिरदर्द, गर्दन में अकड़न या सांस लेने मे कठिनाई।
  • शरीर की असामान्य गतिविधियां या असामान्य व्यवहार
  • तापमान 104°F से ऊपर।
  • बुखार 5 दिनों से अधिक समय तक बना रहना।

इसी प्रकार, बुखार से पीड़ित बच्चे में  नीचे दिये गये लक्षण दिखाई देते हैं तो

 तो खास चिंता की बात नहीं है:

  • बच्चा बुखार उतरने की स्थिति  के दौरान खेल रहा हो और एक्टिव हो।
  • अधिकांश समय पूरे दिन अपने आप खेलता हो ।
  • अच्छी तरह से खाना खाता हो।
  • सामान्य रूप से पेशाब कर रहा हो।

प्रश्न 8. क्या ये सच है कि तेज बुखार से खिच के दौरे पड़ सकते हैं और

बच्चों में मस्तिष्क क्षति हो सकती है?

बुखारी खिच(ज्वर के दौरे)

  • बुखार से पीड़ित बच्चे मे  खिच का दौरा पड़ सकता है इसे बुखारी खिच(ज्वर के दौरे) कहते है। 
  • आमतौर पर ये दौरे 6 महीने से 5 साल तक के बच्चे मे पड़ते हैं। 
  •  जिनका पारिवारिक इतिहास रहा हो या इससे पहले भी बुखारी खिच आयी हो, उन बच्चों मे दौरे की संभावना ज्यादा होती है।
  • ज़्यादातर बच्चे को यह दौरा 5 साल की आयु तक आने की संभावना रहती है 
  • यह दौरे बुखार की तीव्रता से जुड़ा हुआ नहीं  है और इससे मस्तिष्क क्षति होने की संभावना भी नहीं है। इसके अलावा, ये दौरे से आगे मिर्गी का खतरा भी नहीं बढ़ाता है।


प्रश्न 9.  डॉक्टर ने मेरे बड़े बेटे के लिए पेरासिटामोल दवाई लिख के दी है,क्या मे इसे मेरे छोटे बेटे को दे सकती हु?



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  • बच्चों में  दवाएं उनके शरीर के वज़न के अनुसार दी जाती है। 
  • ग़लत खुराक शरीर मे जहरीला असर और अनचाही आडअसर  का कारण बन सकता है।
  • बच्चे को कोइभी दवाइयाँ देने से पहले आपको हमेशा  बाल रोग विशेषज्ञ से  सलाह लेनी चाहिए।
  •  अलग अलग दवाई ब्रांड की बनावट और असर करने की ताकत अलग अलग हो सकती है।
  • खरीद ने से पहले दवाइयों के बारे मे सभी जानकारी विस्तार से फार्मसिस्ट से समज लेनी चाहिए।

प्रश्न 10  पेरासिटामोल देने के बाद भी मेरे बच्चे का बुखार सामान्य नहीं हो रहा है।

क्या मैं अन्य दवाओं का उपयोग कर सकता हूँ?


A close-up image of a human hand holding assorted pills, showcasing diverse colors and shapes.


पेरासिटामोल (एसिटामिनोफेन)

  • पेरासिटामोल (एसिटामिनोफेन) बच्चों में इस्तेमाल की जाने वाली बुखार की सबसे सुरक्षित दवा है। अगर सही मात्रा में (15 मिलीग्राम/किग्रा शरीर का वजन)दिया जाए, यह बुखार से जुड़ी तकलीफ़ों मे राहत लाता है।
  •  याद रखें, बुखार की दवा का उद्देश्य सिर्फ  तापमान को नॉर्मल करना नहीं है, लेकिन   दर्द और असुविधा को कम करके बच्चे को  लक्षणों मे राहत प्रदान करना है।
  •  यदि शुरुआती बुखार तेज़ है, मान लीजिए 104°F, तो पेरासिटामोल देने से  101°F तक तापमान कम किया जा सकता है,तापमान नॉर्मल हो जाए जरूरी नहीं हैजो बच्चे मुह से रूप से लेने में असमर्थ हैं, आपके डॉक्टर मलाशय मार्ग से पेरासिटामोल सपोसिटरी देने का निर्णय ले सकते है।
  • यदि बुखार सामान्य न हो तो दवाई का अधिक खुराक लेने से बचें। यदि आवश्यक हो तो आप 4-6 घंटे के बाद दवाई की अगली खुराक दोहरा सकते हैं।

इबुप्रोफेन, मेफेनैमिक एसिड

  • अन्य दवाएं (इबुप्रोफेन, मेफेनैमिक एसिड) भी उपलब्ध हैं, और इनका उपयोग केवल अपने बाल रोग विशेषज्ञ के साथ परामर्श से ही किया जाना चाहिए।
  •  हालांकि बुखार कम करने मे,10 मिलीग्राम/किग्रा की खुराक पर इबुप्रोफेन में पेरासिटामोल के समान असर होता है,लेकिन साइड एफ़्फ़ेट्स ज्यादा होते है। 
  • कभी-कभी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए पेरासिटामोल और इबुप्रोफेन का संयोजन निर्धारित किया जाता है, लेकिन यह कुल मिलाके ज्यादा फायदेमंद नहीं है। 

इसके अलावा, संयोजन,व्यक्तिगत दवाओं की तुलना में दवाओं के अधिक दुष्प्रभाव होते हैं।

मेफेनैमिक एसिड के बच्चों पर गंभीर साइड एफ़्फ़ेट्स को देखते हुवे इसका का उपयोग करने की सलाह  नहीं दीजाती है। 

बच्चों में बुखार से राहत के लिए एस्पिरिन या निमेसुलाइड का प्रयोग न करें।


बुखार में क्या न करें?


 A mother tending to her ill son in a cozy bedroom setting with a thermometer


  • बच्चे को ज़्यादा कपड़े न पहनाएँ। उसे ठंडे हवादार वातावरण में रखें।
  • बच्चे को ठंडे पानी या बर्फ से स्पंज न करें। यदि आवश्यक हो हमेशा गुनगुने (28-30°C)  पानी का प्रयोग करें
  • बुखार पर नियंत्रण के लिए एस्पिरिन या निमेसुलाइड का प्रयोग न करें। पैरासिटामोल है सबसे सुरक्षित.
  • बुखार का इलाज घर पर या अकेले न करें।
  • जल्द से जल्द बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।


आशा करता हु, ये ब्लॉग आपको बहुत काम आयेगा।
आपके सुजाव जरूर साजा करे।

आपका आभारी

डॉ पारस पटेल

एमबीबीएस डीसीएच

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