नमस्ते दोस्तों
आज हम बात करेंगे मिलेट्स के बारे मे।यह ब्लॉग इस खास विषय पर ज्ञान और समझ प्रदान करने में मदद करेगा।
बच्चों के लिए 8 सुपर ग्रेन्स (मिलेट्स):
- मिलेट्स जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में जरूरी है।
- ये ग्लुटन मुक्त‚ न्यूनतम वसा व न्यूनतम कार्बोहाइड्रेट युक्त होता है‚ जो स्वास्थ हेतु लाभदायक होता है।
परिचय:
- मिलेट्स या सुपर ग्रेन्स छोटे बच्चों के लिए एक अद्वितीय खाद्य विकल्प हो सकते हैं।
- ये अनाज ग्लूटेन-फ्री, उच्च पोषक तत्वों और आवश्यक मिनरल्स से भरपूर होते हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
न्यूट्रीशनल फायदे:
- मिलेट्स में विटामिन्स, अमीनो एसिड्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बच्चों के विकास को बढ़ावा देते हैं।
- इनमें पाए जाने वाले बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन्स, आयरन, मैग्नीशियम, और फाइबर स्वस्थ रक्तनलिका, मांसपेशियों, और ऊर्जा स्तर को स्थिर रखने में मदद कर सकते हैं।
डाइजेस्टिव हेल्थ:
- मिलेट्स आसानी से पाचनीय प्रक्रिया को सहायक हो सकते हैं और पेट की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- ये छोटे बच्चों के लिए सूक्ष्म अन्न होते हैं, जो उनके पाचन प्रणाली के लिए अच्छे होते हैं।
रसोई में उपयोग:
- मिलेट्स को बच्चों के खाने में शामिल करने के लिए विभिन्न तरीकों से प्रयोग किया जा सकता है।
- इन्हें पुलाव, उपमा, और अन्य बनावटों में शामिल किया जा सकता है जो बच्चों को पसंद आ सकती हैं।
संजीवनी शक्ति:
- मिलेट्स छोटे बच्चों के लिए एक बेहतरीन खाद्य विकल्प होते हैं जो उनके विकास में मदद कर सकते हैं।
- इन्हें उनकी आहार में शामिल करके उन्हें स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने में मदद मिल सकती है।
आइये बच्चों के लिए सुपर ग्रेन्स (मिलेट्स) 8 अनाजों को विस्तार से जानते है।
1. बाजरा (पेर्ल मिलेट):
- बाजरा (पेर्ल मिलेट) एक प्राचीन अनाज है जो विभिन्न भागों में भारतीय खाद्य संस्कृति में उपयोग किया जाता है।
- यह उच्च पोषक तत्वों से भरपूर है और बच्चों से लेकर वयस्कों तक के लिए अत्यधिक लाभकारी है।
- यहां इसके पोषण समग्रता और फायदे के बारे में अधिक विवरण दिया गया है:
1. पोषण समग्रता:
प्रोटीन:
- बाजरा में अच्छी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो शरीर के उच्च पोषण की मांग को पूरा करने में मदद करता है।
- यह खाद्य पदार्थ विशेष रूप से व्यायाम करने वाले और विकासशील बच्चों के लिए फायदेमंद होता है।
कार्बोहाइड्रेट्स:
- बाजरा में संतुलित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं।
- यह उच्च एनर्जी देने वाला होता है और लंबे समय तक भूख को दूर रखने में मदद करता है।
फाइबर:
- बाजरा में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन को सुधारता है और कब्ज से राहत दिलाता है।
विटामिन्स और खनिज:
- इसमें विटामिन B-complex, फॉलेट, और अन्य महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।
2. स्वास्थ्य लाभ:
डायबिटीज के लिए उपयुक्त:
- बाजरा का नियमित ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है, जिससे डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है।
हृदय स्वास्थ्य:
- इसका उपयोग हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में भी लाभकारी हो सकता है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है।
पाचन सुधार:
- बाजरा का सेवन पाचन को सुधारता है और अपच की समस्याओं को कम करता है।
3. अन्य उपयोग:
- बाजरे की रोटी, खीर, और उपमा जैसी विभिन्न विधियों से इसका उपयोग किया जाता है, जो व्यंजनों को स्वादिष्ट और पोषक होता है।
- यह बच्चों को भी दिया जा सकता है, जिससे उनके स्वास्थ्य और विकास में सहायक हो सकता है।
बाजरा एक स्वास्थ्यप्रद और पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ है जो विभिन्न उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है। इसका नियमित सेवन आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
2. ज्वार (सोरगम):
ज्वार (Sorghum) एक प्रमुख अनाज है जो विभिन्न भागों में उपयोग किया जाता है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यहां इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है:
1. पोषण समग्रता:
प्रोटीन:
- ज्वार में अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है, जो मांस, मछली और अंडे के साथ तुलना में अधिक पाया जाता है।
फाइबर:
- यह अच्छी मात्रा में फाइबर प्रदान करता है, जो पाचन को सुधारता है और कब्ज से राहत दिलाता है।
खनिज:
- ज्वार में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, और पोटैशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।
2. स्वास्थ्य लाभ:
डायबिटीज के लिए उपयुक्त:
- ज्वार का सेवन ब्लड सुगर के स्तर को नियंत्रित कर सकता है और डायबिटीज के खतरे को कम कर सकता है।
हृदय स्वास्थ्य:
- इसका नियमित सेवन हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है।
पाचन सुधार:
- ज्वार पाचन को सुधारता है और अपच की समस्याओं को कम करता है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है।इसका नियमित सेवन ग्लूकोज के स्तर को संतुलित रख सकता है और पाचन को मजबूत कर सकता है।
3. उपयोग:
- ज्वार की रोटी, खीर, और उपमा बनाई जा सकती है, जो व्यंजनों को स्वादिष्ट और पोषक बनाती हैं।
- इसका सेवन बच्चों से लेकर वयस्क व्यक्तियों तक के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिससे उनके स्वास्थ्य और ऊर्जा स्तर में सुधार हो।ज्वार विटामिन बी कॉम्प्लेक्स ,फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है।
- ज्वार एक अद्वितीय अनाज है जो उच्च पोषक तत्वों से भरपूर है और विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है।
- इसका नियमित सेवन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है और व्यायाम करने वाले व्यक्तियों के लिए भी उपयुक्त हो सकता है।
3.कोद्रा (कोदो मिलेट):
कोदो, जिसे अंग्रेजी मेंl kodo Millet कहा जाता है, एक प्राचीन अनाज है जो भारतीय सब्जी के रूप में महत्वपूर्ण है। यह अनाज विशेषतः उत्तर भारत के क्षेत्रों में प्रमुख रूप से उगाया जाता है और विभिन्न राजस्थानी, कर्नाटकी, और तमिल नाडु व्यंजनों में उपयोग किया जाता है।
विशेषताएँ:
पोषणशीलता:
- कोदो में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स की अच्छी मात्रा होती है। इसके सेवन से आहार में पोषण का संतुलन बना रहता है।
स्वास्थ्य लाभ:
- इसका सेवन ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण डायबिटीस के प्रबंधन में मदद कर सकता है और हृदय स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।
उपयोग:
- कोदो को रोटी, पुलाव, खीर और दूध में उपयोग किया जाता है, जो इसे विभिन्न व्यंजनों के रूप में समाहित करते हैं।
संक्षेप में:
- कोदो एक पूरी तरह से पोषक और स्वास्थ्यवर्धक अनाज है, जो विभिन्न भारतीय व्यंजनों में बड़े ही रूप से उपयोग किया जाता है।
इसके पोषण से भरपूर गुणवत्ता और स्वाद के कारण यह एक उत्कृष्ट विकल्प है जो दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है।
4. कंगनी (Foxtail Millet)
- कंगनी, जिसे अंग्रेजी में Foxtail Millet या वसा भी जाना जाता है, एक प्राचीन अनाज है जो भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा चीन, जापान, और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में भी प्रमुख रूप से उगाया जाता है।
- यह अनाज विशेषतः उच्च पोषक मानदंड और स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है।
पोषणशीलता:
- कंगनी में उच्च मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, और अन्य पोषक तत्व होते हैं।
- इसके सेवन से पाचन क्रिया में सुधार होता है और बाहरी आहार की अवधि बढ़ाती है।
स्वास्थ्य लाभ:
डायबिटीज प्रबंधन:
- कंगनी का सेवन ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण मधुमेह के प्रबंधन में मदद कर सकता है।
ह्रदय स्वास्थ्य:
- इसमें पाए जाने वाले अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
वजन नियंत्रण:
- कंगनी का सेवन लंबे समय तक भूख को कम करने में मदद कर सकता है और वजन नियंत्रण में मददगार हो सकता है।
उपयोग:
- कंगनी को रोटी, उपमा, पुलाव, और खीर जैसे व्यंजनों में उपयोग किया जाता है।
यह अनाज विभिन्न व्यंजनों में समाहित करने से आपके आहार में विविधता और पोषण दोनों को बढ़ाता है।
संक्षेप में:
- कंगनी एक पूरी तरह से पोषक और स्वास्थ्यप्रद अनाज है जो व्यक्तियों के लिए सेहतमंद और ऊर्जावान रखने में मदद कर सकता है।
- इसका नियमित सेवन बाजारीय आहार से बचने में भी मदद कर सकता है और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
- कंगनी ग्लूटेन-फ्री होती है, जिसका मतलब है कि इसे सेलिएक रोगी भी खा सकते हैं।
- इसके अलावा, यह एक उत्कृष्ट स्रोत है विटामिन डी का, जो कैल्शियम के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण होता है।
पोषण:
- इसमें कैल्शियम, आयरन, और विटामिन C, और ई होते हैं।
फायदे:
- यह बच्चों के बोन डेवलपमेंट के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है और हेमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ा सकता है।
- कंगनी में पाये जाने वाले विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्व उसे एक सुपरफूड बनाते हैं।
- इसमें एंटी ऑक्सीडेंट भी होते हैं जो शरीर के विभिन्न रोगों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
- कंगनी की उच्च आयरन, कैल्शियम, और मैग्नीशियम संभावनाएं इसे हड्डियों और दाँतों के स्वास्थ्य के लिए भी उपयुक्त बनाती हैं।
- यह एक प्राकृतिक रूप से अन्यायित आहार हो सकता है, जो व्यक्तियों को स्वस्थ और फिट रखने में मदद कर सकता है।
- कंगनी में मौजूद फाइबर की अच्छी मात्रा उसे पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बनाती है, और यह वजन नियंत्रण में मदद कर सकती है।
- इसका नियमित सेवन मधुमेह के प्रबंधन में भी मदद कर सकता है क्योंकि यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
- इसके अलावा, कंगनी में विटामिन बी6, थायमिन और नियासिन जैसे बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन्स की अच्छी मात्रा होती है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं।
कंगनी एक स्वास्थ्यप्रद और पोषणशील अनाज है जिसे अन्य अनाजों के साथ मिलाकर आहार में शामिल किया जा सकता है।
5. रागी(मंडुआ या नागली, नाचनी)(फिंगर मिलेट):
- रागी, या Finger Millet, एक प्राचीन अनाज है जिसे भारत और अफ्रीका में प्रमुखतः उगाया जाता है।
- यह अनाज विशेष रूप से सबसे सही और प्राकृतिक रूप से शरीर के लिए पोषणशील होता है।
- रागी में पाए जाने वाले फाइबर अद्वितीय हैं जो पाचन को सुधारने में मदद करते हैं और वजन नियंत्रण में भी सहायक हो सकते हैं।
- इसका नियमित सेवन डायबिटीज को प्रबंधित रखने में भी मदद कर सकता है क्योंकि यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
- रागी में प्राकृतिक रूप से उच्च प्रोटीन होता है, जो शरीर के ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में मदद करता है
- और यह व्यायाम करने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है।
- रागी में मौजूद विटामिन डी की अच्छी मात्रा इसे हड्डियों और दाँतों के स्वास्थ्य के लिए भी उपयुक्त बनाती है।
- इस रूप में, रागी एक पूरी तरह से पोषक और स्वास्थ्यप्रद अनाज है जो व्यक्तियों के आहार में शामिल किया जा सकता है ताकि वे स्वस्थ और फिट रहें।
पोषक गुणवत्ता:
प्रोटीन:
- यह अनाज उच्च प्रोटीन स्रोत है, जो मांसाहारी और अमांसी दोनों के लिए एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
मिनरल्स:
- रागी में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, और फोस्फोरस जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। इन मिनरल्स की सही मात्रा शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है।
विटामिन्स:
- रागी में विटामिन बी की अच्छी मात्रा होती है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
स्वास्थ्य लाभ:
डायबिटीज प्रबंधन:
- रागी का सेवन ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण मधुमेह के प्रबंधन में मदद कर सकता है।
हृदय स्वास्थ्य:
- इसमें पाए जाने वाले अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
वजन नियंत्रण:
- रागी का सेवन लंबे समय तक भूख को कम करने में मदद कर सकता है और वजन नियंत्रण में मददगार हो सकता है।
अन्य उपयोग:
- रागी के अनाज से बने उत्पादों में विभिन्न विशेषताएं होती हैं, जैसे कि रागी रोटी, रागी की खीर, रागी डोसा, और अन्य व्यंजन।
- ये आपके आहार में विविधता और पोषण दोनों को बढ़ा सकते हैं।
संक्षेप में:
- रागी एक पूरी तरह से पोषक और स्वास्थ्यप्रद अनाज है जो व्यक्तियों के लिए सेहतमंद और ऊर्जावान रखने में मदद कर सकता है।
- इसके पोषण से भरपूर गुणवत्ता और स्वाद के कारण यह एक उत्कृष्ट विकल्प है जो दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है।
- रागी फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, और आयरन से भरपूर होता है।
- इसका सेवन शिशुओं के विकास के लिए उपयुक्त है और वजन नियंत्रण में मदद कर सकता है।
6.कुटकी (छोटी बाजरा)
- कुटकी मिलेट्स एक प्रकार की मिलेट्स होती हैं जो भारतीय उपमहाद्वीप में प्रमुखतः उगाई जाती हैं।
मुख्य विशेषताएँ:
पोषण:
- कुटकी मिलेट्स ग्लूटेन-मुक्त होती हैं और उच्च पोषक तत्वों में सम्पन्न होती हैं।
- इनमें प्रोटीन, विटामिन्स, और मिनरल्स विशेषतः आयरन और फाइबर पाए जाते हैं, जो स्वस्थ आहार के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
उपयोग:
- कुटकी मिलेट्स को भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है और इन्हें पुलाव, खिचड़ी, दलिया, और ब्रेड बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
पोषणशीलता:
- कुटकी में अच्छी मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, और अन्य पोषक तत्व होते हैं। इसके सेवन से पाचन क्रिया में सुधार होता है और बाहरी आहार की अवधि बढ़ाती है।
स्वास्थ्य लाभ:
डायबिटीज प्रबंधन:
- कुटकी का सेवन ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण मधुमेह के प्रबंधन में मदद कर सकता है।
हृदय स्वास्थ्य:
- इसमें पाए जाने वाले अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
वजन नियंत्रण:
- कुटकी का सेवन लंबे समय तक भूख को कम करने में मदद कर सकता है और वजन नियंत्रण में मददगार हो सकता है।
उपयोग:
- कुटकी को रोटी, उपमा, पुलाव, और खीर जैसे व्यंजनों में उपयोग किया जाता है।
- यह अनाज विभिन्न व्यंजनों में समाहित करने से आपके आहार में विविधता और पोषण दोनों को बढ़ाता है।
संक्षेप में:
- कुटकीएक पूरी तरह से पोषक और स्वास्थ्यप्रद अनाज है जो व्यक्तियों के लिए सेहतमंद और ऊर्जावान रखने में मदद कर सकता है।
- इसका नियमित सेवन बाजारीय आहार से बचने में भी मदद कर सकता है और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
7. सामा (“बार्नयार्ड मिलेट):
- सामा के चावल, जिन्हें अंग्रेजी में “बर्नयार्ड मिलेट” भी कहते हैं, एक प्रकार के मिलेट होते हैं।
- ये ग्लूटेन-मुक्त होते हैं और उच्च पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। सामा के चावल व्रतों में भी उपयोग किए जाते हैं और विभिन्न व्यंजनों में इसका उपयोग किया जाता है।
पोषणशीलता:
- सामा में अच्छी मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, और विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। इसके सेवन से पाचन क्रिया में सुधार होता है और बाहरी आहार की अवधि बढ़ाती है।
स्वास्थ्य लाभ:
डायबिटीज प्रबंधन:
- सामा का सेवन ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण मधुमेह के प्रबंधन में मदद कर सकता है।
हृदय स्वास्थ्य:
- इसमें पाए जाने वाले अल्फा-लिनोलेनिक एसिड हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
वजन नियंत्रण:
- सामा का सेवन लंबे समय तक भूख को कम करने में मदद कर सकता है और वजन नियंत्रण में मददगार हो सकता है।
उपयोग:
- सामा को रोटी, उपमा, पुलाव, और खीर जैसे व्यंजनों में उपयोग किया जाता है।
- यह अनाज विभिन्न व्यंजनों में समाहित करने से आपके आहार में विविधता और पोषण दोनों को बढ़ाता है।
संक्षेप में:
- सामा एक पूरी तरह से पोषक और स्वास्थ्यप्रद अनाज है जो व्यक्तियों के लिए सेहतमंद और ऊर्जावान रखने में मदद कर सकता है।
- इसका नियमित सेवन बाजारीय आहार से बचने में भी मदद कर सकता है और
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
8.प्रोसो मिलेट वारी (मराठी), चेना/बैरी (हिन्दी ,चीना (पंजाबी), चेनो (गुजराती)
- चेना मिलेट्स का अर्थ होता है “चेना के अनाज”।
- चेना, जो कि एक प्रकार की मिलेट होती है, भारत के उत्तरी राज्यों में प्रामुख्यता से उगाई जाती है।
- यह ग्लूटेन-मुक्त होती है और व्रत के दौरान भी उपयोगी होती है।
- चेना का अनाज अधिकतर रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में लोकप्रिय है, और इसे भोजन के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
- चेना मिलेट्स, जिन्हें “चेना के अनाज” भी कहते हैं, एक प्रकार की मिलेट्स हैं जो भारत के उत्तरी राज्यों में प्रमुखतः उगाई जाती हैं।
- इन्हें विशेषतः उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पाया जाता है।
मुख्य विशेषताएँ:
1. पोषण:
- चेना मिलेट्स ग्लूटेन-मुक्त होती हैं और उच्च पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं।
- इनमें प्रोटीन, विटामिन्स, और मिनरल्स विशेषतः आयरन और कैल्शियम पाए जाते हैं, जो स्वस्थ आहार के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
2. उपयोग:
- चेना मिलेट्स को व्रतों में भी उपयोग किया जाता है और इन्हें भोजन के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
- इन्हें पुलाव, खिचड़ी, दलिया, और देसर्ट्स में भी शामिल किया जाता है।
3. उगाई:
- चेना मिलेट्स की उच्च उपज उत्तर भारत के क्षेत्रों में की जाती है और यहाँ के लोगों के लिए महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत है। इसकी उचित खेती और उपयोग से स्थानीय आर्थिक विकास में भी मदद मिलती है।
निष्कर्ष
- इन पौष्टिक अनाजों को अपने आहार में शामिल करने से न केवल स्वाद में विविधता आएगी, बल्कि आपका स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
- दोनों का संयोजन आपके भोजन को संपूर्ण और संतुलित बना सकता है।
- स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए, सफेद क्विनोआ और मिलेट को अपनाएं और अपने आहार को पोषण से भरपूर बनाएं।
- ये 8 मिलेट्स बच्चों के लिए उपयुक्त हैं और इनका नियमित सेवन उनके स्वास्थ्य और विकास को पोषित कर सकता है।
- इन्हें उनके आहार में शामिल करने से वे पूरी तरह से बलशाली और स्वस्थ रह सकते हैं।
आपका आभारी ।
डॉ पारस पटेल
एमबीबीएस डीसीएच