माता-पिता,शिक्षक और स्वास्थ्य प्रोफेशनल्स के लिये बच्चों के स्क्रीन टाइम दिशानिर्देश।
नमस्ते दोस्तों
- आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन और विभिन्न गैजेट्स हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं।
- इनका उपयोग बच्चों में भी तेजी से बढ़ रहा है, जो कई प्रकार की समस्याओं को जन्म दे रहा है।
- ईस ब्लॉग मे हम जानेंगे की क्यो बच्चों पर इन गैजेट्स के हानिकारक प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
आइए जानते हैं कि मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बच्चों के जीवन पर किस प्रकार का प्रभाव डाल रहे हैं।
माता-पिता के लिए स्क्रीन टाइम दिशानिर्देशों पर 10 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. मैंने सुना है कि स्क्रीन टाइम का बच्चों पर असर पड़ता है। स्क्रीन टाइम से क्या तात्पर्य है?
- स्क्रीन टाइम याने, मोबाइल फ़ोन, टीवी, कंप्यूटर, टैबलेट, या कोई हाथ से पकड़ने वाला या दृश्य उपकरण जैसी स्क्रीन देखने में प्रति दिन बिताया गया कुल समय है ।
- जिस तरह हम संतुलित भोजन खाते हैं, उसी तरह स्क्रीन का भी सही चयन होना चाहिए और सही मात्रा में और सही समय पर सेवन किया जाना चाहिए।
- जिस तरह से हम स्क्रीन का उपयोग करते है, यह निर्धारित करता है कि यह स्वस्थ है या अस्वस्थ।
- स्क्रीन टाइम शैक्षिक या सामाजिक गतिविधियों जैसे स्कूलवर्क, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ बातचीत के लिए खर्च किया जाता है, और कला या संगीत का निर्माण या विश्राम मे किया जाता है उसे सकारात्मक या स्वस्थ स्क्रीन समय कहा जाता है।
- जब की अनुचित टीवी शो देखते समय, असुरक्षित वेबसाइट की मुलाक़ात, या हिंसक वीडियो गेम खेलना नकारात्मक या अस्वस्थ स्क्रीन समय के कुछ उदाहरण हैं ।
2. मेरा बच्चा कितनी देर तक स्क्रीन का उपयोग कर सकता है? क्या मुझे स्क्रीन का समय सीमित करना चाहिए?
2 वर्ष से कम उम्र
- 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को चाहिए की रिश्तेदारों के साथ सामाजिक वीडियो कोल को छोड़कर किसी भी प्रकार की स्क्रीन के संपर्क में न आएं।
2 और 5 वर्ष आयु
- 2 और 5 वर्ष आयु के बीच के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम ,1 घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए , जितना कम, उतना अच्छा।
- बड़े बच्चों और किशोरों , जिनके लिए अन्य गतिविधियाँ सम्पूर्ण विकास के लिए आवश्यक हैं ,उनमे स्क्रीन टाइम को संतुलित करना महत्वपूर्ण है ।
- इन गतिविधियों मे एक घंटे की शारीरिक गतिविधि शामिल करें(खेलने का समय), नींद की पर्याप्त अवधि(8-9 घंटे की निर्बाध नींद ) और स्कूल के काम, भोजन के लिए समय,रुचि अवूम शौक, और पारिवारिक समय।
- यदि इनमें से कोई भी स्क्रीन के उपयोग के कारण गतिविधियाँ विस्थापित होती हैं,तो इसे अत्यधिक स्क्रीन टाइम कहा जाता है ,इसे कम किया जाना चाहिए.
3. लंबे समय तक स्क्रीन का उपयोग करने का मेरे बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है?
इसके अनेक दुष्प्रभाव हैं.
1. संज्ञानात्मक विकास में बाधा आना।
- मोबाइल फोन और गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग से बच्चों के संज्ञानात्मक विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
- लगातार स्क्रीन पर समय बिताने से बच्चों में ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे उनकी शिक्षा और सोचने-समझने की शक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
2. जुनून और उत्तेजना का आना।
- मोबाइल फोन और गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में इन उपकरणों के प्रति जुनून और उत्तेजना का विकास हो सकता है।
- यह बच्चों में चिड़चिड़ापन और उत्तेजना को बढ़ावा दे सकता है, जिससे उनका व्यवहार और मानसिक संतुलन प्रभावित होता है।
3. शारीरिक विकास में देरी।
- मोबाइल फोन और टैबलेट के अत्यधिक उपयोग से बच्चों के शारीरिक विकास में भी देरी हो सकती है।
- बच्चों का अधिकांश समय स्क्रीन के सामने बिताने से वे शारीरिक गतिविधियों में कम शामिल होते हैं, जिससे उनके शारीरिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
4. सामाजिक रिश्तों में बाधा आना .
- मोबाइल फोन और गैजेट्स का अत्यधिक उपयोग बच्चों के सामाजिक विकास को भी प्रभावित कर सकता है।
- बच्चों का अधिकांश समय ऑनलाइन गेम खेलने या सोशल मीडिया पर बिताने से उनकी सामाजिक कौशल में कमी आ सकती है।
- इससे बच्चे असामाजिक हो सकते हैं और वास्तविक जीवन में दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने में रुचि नहीं दिखा सकते।
5. मोटापे का खतरा।
- बच्चों का अधिक समय मोबाइल फोन और गैजेट्स पर बिताने से वे शारीरिक गतिविधियों में कम शामिल होते हैं, जिससे उनके मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।
- शारीरिक गतिविधियों की कमी और लगातार बैठे रहने से बच्चों का वजन बढ़ सकता है।
6. पढ़ाई में कम ध्यान देना.
- मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अत्यधिक उपयोग बच्चों की शिक्षा पर भी बुरा प्रभाव डालता है।
- बच्चे इन उपकरणों पर गेम खेलने और सोशल मीडिया पर समय बिताने में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते।
- इससे उनकी शिक्षा में गिरावट आ सकती है और वे अच्छे अंक प्राप्त करने में असमर्थ हो सकते हैं।
7. अलगाव की भावना.
- मोबाइल फोन और गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में अलगाव की भावना उत्पन्न हो सकती है।
- वे अपने दोस्तों और परिवार से कट सकते हैं और अकेलापन महसूस कर सकते हैं।
- इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- मीडिया व्यसन, विकृत धारणा,अश्लील साहित्य के संपर्क में आकर सेक्स,नशीली दवाओं का उपयोग, आत्म-नुकसान, चिंता, और अवसाद सामाजिक समाजीकरण में कमी और सामाजिक चिंता जैसे विकार हो सकते है।
8. आंखों पर तनाव.
- बच्चों का लगातार मोबाइल फोन और टैबलेट का उपयोग करने से उनकी आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आँखों में जलन, सूखापन और दृष्टिदोष की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
9. गर्दन और पीठ में दर्द.
- मोबाइल फोन और टैबलेट के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में गर्दन और पीठ दर्द की समस्याएँ भी बढ़ सकती हैं।
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने और स्क्रीन देखने से बच्चों की मांसपेशियों पर तनाव पड़ता है।
10. विकिरण एक्सपोजर.
- मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाली विकिरण भी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
- यह विकिरण बच्चों के मस्तिष्क और शरीर के अन्य हिस्सों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
11. वर्चुअल आटिज्म.
- मोबाइल फोन और गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में वर्चुअल आटिज्म का खतरा बढ़ सकता है।
- यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब बच्चे वास्तविक दुनिया के संपर्क में कम होते हैं और अधिकांश समय वर्चुअल दुनिया में बिताते हैं।
12. अनिद्रा एवम नींद पूरी नहीं हो रही।
- बच्चों का मोबाइल फोन और अन्य गैजेट्स का उपयोग करने से उनकी नींद पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
- रात को सोते समय इन उपकरणों का उपयोग करने से नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है, जिससे बच्चे अनिद्रा और अन्य नींद संबंधी समस्याओं का शिकार हो सकते हैं।
13. साइबर सिकनेस सिंड्रोम.
- मोबाइल फोन और गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में साइबर सिकनेस सिंड्रोम विकसित हो सकता है।
- यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब बच्चे वर्चुअल रियलिटी या डिजिटल सामग्री के कारण सिरदर्द, चक्कर आना और मतली महसूस करते हैं।
14. साइबर बुलिंग.
- सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों को साइबर बुलिंग का सामना करना पड़ सकता है।
- यह बच्चों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है, जिससे वे चिंता, अवसाद और आत्मसम्मान की कमी का शिकार हो सकते हैं।
4. आजकल सभी बच्चे स्क्रीन का इस्तेमाल करते नजर आते हैं। क्या डिजिटल उपकरणों का कोई लाभ है?
- जब स्क्रीन का उपयोग संयमित मात्रा में संतुलित और स्वस्थ तरीके से किया जाता है,उनके बहुत कुछ फ़ायदे है.
- जैसे की सीखने और ज्ञान को प्रोत्साहित करना.
- मित्र और परिवार के साथ संवाद और सामाजिक प्रचार करने के लिए एक उपकरण के रूप में काम करना.
- डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग से स्वस्थ सह-दर्शन और सह-खेलना ,बच्चों और माता-पिता का जुड़ाव, मनोरंजन, और विश्राम में सुधार करता है.
- स्मार्टफोन ऐप जैसे साथिया(Saathiya),शांत(calm), और डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे की NIMHANS ऑनलाइन योग कक्षा बच्चों को स्वस्थ व्यवहार अपनाने मे प्रोत्साहित करता है और किंडल डिवाइस पढ़ने आदत को बढ़ावा देता है।
- यूट्यूब और ब्लॉगिंग जैसे चैनल मंच बच्चों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए अवसर देते हैं.
- अनुकूलित(customised) कंप्यूटर प्रोग्राम ,ऑटिज़्म से पीड़ित बच्चों में सामाजिक व्यवहार में सुधार ला सकते है और सीखने की समस्याओं से पीड़ित बच्चों में अध्ययन कौशल बढ़ाता है ।
5. मेरे बच्चे को कंप्यूटर, मोबाइल और टेलीविजन सिखाने की सही उम्र क्या है?
- बच्चों को कंप्यूटर, मोबाइल और टेलीविजन के साथ जुड़ी तकनीकी चीजें सिखाने की सही उम्र परिपक्वता, व्यक्तिगत रुचियां और परिवार की स्थिति पर निर्भर करती है।
यहां कुछ मुख्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर सोच सकते हैं:
1. बच्चे की परिपक्वता:
- तकनीकी उपकरणों को समझने और संभालने के लिए बच्चों की मानसिक, भावनात्मक और भौतिक परिपक्वता महत्वपूर्ण होती है।
- वे इस जगह पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, यह उनकी अवधारणाओं, उनके विचारों और उनकी समझ के साथ संबंधित है।
2. सीमाएं स्थापित करना:
- बच्चों को उपकरणों के उपयोग की सीमाएं समझाना और अनुसरण करना आवश्यक होता है।
- उन्हें इसके साथ जुड़ी जिम्मेदारियों को समझाना चाहिए, जैसे कि स्क्रीन टाइम नियंत्रण और इंटरनेट सुरक्षा।
3. परिवार की स्थिति:
- घरेलू वातावरण में तकनीकी उपकरणों का उपयोग कैसे किया जाता है यह भी महत्वपूर्ण है।
- अगर परिवार में तकनीकी ज्ञान है और सब समझते हैं, तो बच्चों को इसे सीखने में मदद मिल सकती है।
- सामान्यत बच्चों को व्यक्तिगत प्रवृत्ति और विकास के अनुसार उपकरणों के साथ समझौता किया जा सकता है।
- बच्चों को इन उपकरणों का सही उपयोग सिखाने में माता-पिता की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, जो उनकी स्क्रीन समय, इंटरनेट के साथ सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों पर निगरानी रख सकते हैं।
2 साल से कम उम्र के बच्चोंमे स्क्रीन से परहेज़ करना चाहिए।
- 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सामाजिक संपर्क ,स्वस्थ मस्तिष्क विकास के लिए आवश्यक है।
- डिजिटल उपकरणों का उपयोग इस आयु वर्ग में विलंबित भाषण,अतिसक्रियता और ख़राब सामाजिक कौशल जैसे परिणाम ला सकता है ।
2 साल के बच्चों में,
- आप डिजिटल डिवाइस जैसे कंप्यूटर और टेलीविजन पेशकर सकते हैं, लेकिन आप साथ में इंटरैक्टिवऔर शिक्षाप्रद कार्यक्रम थोड़े समय के लिए देख सकते है।
किशोरों को,
- जब भी वे घर से बाहर हो,आपसे संपर्क बनाए रखने हेतु स्मार्टफ़ोन की बजाय साधारण मोबाइल फोन देना चाहिए।
बड़े बच्चे और किशोरों
- को शिक्षा और मनोरंजन प्रयोजनों के अंतर्गत सीमित अवधि के लिए माता-पिता की निगरानी मे स्मार्टफोन लिए अनुमति दी जा सकती है।
6. बच्चे फेसबुक, व्हाट्सएप, स्नैपचैट, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर बहुत समय बर्बाद करते हैं।वहाँ वे अजनबियों से भी बातचीत करते हैं । क्या बच्चों को सोशल मीडिया पर अनुमति दी जानी चाहिए?
- बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए सामाजिक मेलजोल महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है।
- बच्चों और किशोरों द्वारा मित्रों और परिवार से जुड़ने, और सामाजिक नेटवर्क बनाने के लिए ,मीडिया सामग्री साझा करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- कुछ लोकप्रिय प्लेटफार्मों में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप,इंस्टाग्राम, स्काइप, यूट्यूब और स्नैपचैट शामिल हैं।
- हाल के समय में, ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेम, जैसे पबजी और क्लैश ऑफ क्लैन्स, युवाओं के लिए महत्वपूर्ण सोशल मीडिया स्थान बन रहे हैं, जहां वे हैं अन्य गेमर्स से जुड़के और खेलते समय चैट कर सकते है।
सोशल मीडिया के फायदे
- विशेष रूप से शर्मीले बच्चे जिनको बातचीत करने में झिझक होती है,अन्य लोगों से जुड़ाव की भावना को बढ़ावा देता है।
- ग्राफिक्स और वीडियो के माध्यम से ऑनलाइन शैक्षिक सामग्री और रचनात्मकता को साझा करके सहयोगात्मक शिक्षा को बढ़ावा देता है औरयुवाओं की प्रतिभाएं और उपलब्धियां लोगों तक पहुचाता है।
- पुरानी अवूम दुर्लभ बीमारियों वाले बच्चों के लिए और उनके माता-पिता के लिएएक सामाजिक सहायता मंच के रूप में कार्य करता है, उदाहरण के लिए थैलेसीमिया ,मधुमेह और जिनैटिक बीमारियाँ।
- युवाओं को वकालत अवूम चर्चा के लिए एक मंच देता है। उदाहरण के लिए, जलवायु परिवर्तन के लिए और बाल अधिकार।
सोशल मीडिया के विशिष्ट नुकसान
- अश्लील वेबसाइटें और फर्जी खबरें, जैसे अनुचित सामग्री का एक्सपोजर।
- जब बच्चे अपनी सोशियल मीडिया पर डाली हुई पोस्ट पर, “पसंद” या सकारात्मक प्रतिक्रियाओं की संख्या से अपने आत्म-मूल्य का आकलन करते हैं और चिंतित रहते है ,वे सोशल मीडिया की चिंता जब बच्चों को हो जाती है के शिकार हो सकते है।
- जोखिम भरे ऑनलाइन व्यवहार में लिप्त होना।
- यौन शिकारियों के साथ दोस्ती बनाना।
- साइबरबुलिंग का शिकार होना।
- सेक्सटिंग यानी चैटिंग प्लेटफ़ॉर्म पर स्पष्ट यौन सामग्री पोस्ट करना।
- लक्षित विज्ञापन और विपणन का शिकार होना।
- जब बच्चा व्यक्तिगत विवरण, खुलासा करने वाली तस्वीरें, विवरण
- बैंक खाते, और क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन पोस्ट करता है तो गोपनीयता का उल्लंघन होता है।
बच्चे और युवा किशोर सामाजिक मंचों का उपयोग करने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होते हैं,
उनके लिए सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान का विश्लेषण करना मुश्किल है। इसलिए, इससे बचना ही बेहतर है।
विभिन्न प्लेटफार्मों के उपयोग की अनुमत आयु।
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बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या वीडियो गेम का उपयोग करने की अनुमति देने से पहले आपको यह करना चाहिए।
- अपने आप को इससे परिचित करें, और विश्लेषण करें कि क्या यह उम्र के लिए उपयुक्त है।
- आप भी अपने बच्चों को सोशल मीडिया साइट का उपयोग करने के उनके कारणों के बारे में सुनिए और उन्हें शिक्षित करें अवुम ऑनलाइन सुरक्षा के नियम बताएं ।
7. मैं अपने बच्चों को अच्छे ऑनलाइन शिष्टाचार का पालन कैसे करवा सकता हूँ? जब अन्य लोग मेरे बच्चे को आहत करने वाले संदेश पोस्ट करते हैं तो मुझे क्या करना चाहिए?
- आपको बच्चों को गैजेट का उपयोग करने की अनुमति देने से पहले उनसे अच्छे संस्कारों के बारे में बात करनी चाहिए और उन्हें जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनाना चाहिए।
- आपको ऑनलाइन सामग्री, यानी ऐप्स, सोशल मीडिया साइट्स और गेम के बारे में स्पष्ट नियम प्रवेश की अनुमति और उनकी अवधि के बारे मे पहले ही बात कर लेनी चाहिए।
कुछ अच्छे ऑनलाइन शिष्टाचार हैं:
- पारस्परिक संबंधों के सुनहरे नियम का पालन करें।
- दूसरों के साथ ऐसा व्यवहार करें जैसा आप खुद के साथ चाहते हैं ।
- कभी भी आहत करने वाले संदेश पोस्ट न करें।
- विनम्रतापूर्वक “ना”कहना शिखेये ।
- संचार के लिए सही भाषा का प्रयोग करें।
- अपशब्दों के प्रयोग से बचें।
- टाइप करते समय बड़े अक्षरों का प्रयोग न करें, क्योंकि इससे पता चलता है कि आप चिल्ला रहे हैं।
- घर का पता और पासवर्ड जैसी निजी जानकारी पोस्ट न करें।
- कॉपीराइट कानूनों का सम्मान करें और बिना अनुमति के डाउनलोड या कॉपी न करें।
- टाइप करने, पोस्ट करने और साझा करने से पहले सोचें कि क्या यह सच, दयालु और कानूनी है।
- तस्वीर पोस्ट करने से पहले, माता-पिता से चर्चा करें। अनुचित सामग्री पोस्ट न करें।ऑनलाइन पोस्ट की गई किसी भी चीज़ एक डिजिटल पदचिह्न है, उसके जाते ही स्थायी रूप से मिटाया नहीं जा सकता।
- कभी भी किसी ऐसे डिजिटल मित्र से अकेले में न मिलें जिससे आप पहले कभी नहीं मिले हों।
- भरोसेमंद वयस्कों को ऑनलाइन दुर्व्यवहार की रिपोर्ट करके इंटरनेट को एक सुरक्षित स्थान बनाएं।
- ऑनलाइन स्कूली शिक्षा के दौरान कक्षा की मर्यादा बनाए रखें, उचित कपड़े पहनें ,पोशाक पहनें और शिक्षकों के निर्देशों का पालन करें।
यदि अन्य लोग बार-बार आपके बच्चे को आहत करने वाले या अनुचित संदेश पोस्ट करते हैं, तो ये चरण:अनुसरण करें।
- अपने बच्चे को आश्वस्त करें कि आप उससे प्यार करते हैं और उसकी मदद करेंगे।
- बच्चे को ऑनलाइन दुनिया से छुट्टी लेने के लिए कहें।
- सेंडर को ब्लॉक करें।
- आहत करने वाले संदेश का जवाब न दें।
- रिपोर्टिंग सक्षम करने के लिए संदेश सेव करे।
- यदि आप धमकाने वाले को जानते हैं, तो माता-पिता से बात करने का प्रयास करें।
- स्कूल में बदमाशी के बारे में पूछताछ करने के लिए स्कूल शिक्षक से संपर्क करें। अधिकांश स्कूल धमकी निषेध नीतियां हैं।
- धमकाने वाले को ब्लॉक करने और रिपोर्ट करने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म प्रदाता से संपर्क करने का प्रयास करें।
- यदि बदमाशी नहीं रुकती तो साइबर पुलिस को रिपोर्ट करें।
- साइबरबुलिंग, सेक्सटिंग और ऑनलाइन यौन आग्रह साइबर अपराध हैं और रिपोर्ट हो सकते हैं
- https://www.cybercrime.gov.in पर या चाइल्डलाइन फोन नंबर: 1098 पर सूचना दी जा सकती है ।
8. मैं अपने बच्चे को मीडिया का स्वस्थ तरीके से उपयोग करने के लिए कैसे प्रेरित कर सकता हूँ?
- जब व्यवहार के लिए सीमाएँ और नियम निर्धारित किए जाते हैं तो बच्चे सुरक्षित महसूस करते हैं,आपको सूत्रीकरण करना चाहिए।
- जब आपका बच्चा डिजिटल डिवाइस का उपयोग करना शुरू करता है तो स्वस्थ मीडिया उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए “डिजिटल नियम”बनाइये।ये उम्र के अनुरूप होने चाहिए और बच्चे के बड़े होने पर नए नियम जोड़े जा सकते हैं।
“डिजिटल स्वच्छता” बनाए रखने के लिए कुछ नियम हैं:
- घर पर गर्मजोशी भरा, पालन-पोषण करने वाला, सहयोगी, मौज-मस्ती भरा और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें।
- बच्चे नियमों का पालन करेंगे, यदि उन्हें सम्मानजनक और सहानुभूतिपूर्ण तरीके से निर्देशित किया जाए।
- किसी बच्चे को शांत करने या उसका ध्यान भटकाने के लिए स्क्रीन का प्रयोग न करें।
- शौक का समय,नींद, शारीरिक गतिविधि, अध्ययन, परिवार, भोजन आदि के लिए पर्याप्त समय के साथ स्क्रीन समय को संतुलित करें।
- सोने से 1 घंटा पहले स्क्रीन बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि उपकरणों से नीली रोशनी निकलती है,इससे नींद में खलल पड़ता है।
कंप्यूटर और मोबाइल के सामने बैठते समय सही मुद्रा अपनाई जाय। और नीचे दिए गए नियम अपनाएं।
डेस्कटॉप या लैपटॉप का उपयोग करते समय सही मुद्रा रखें |
- आपकी स्क्रीन का शीर्ष आँख के स्तर पर होना चाहिए।
- सुनिश्चित करें की आप अपने कंधों को आराम दें।
- आपके हाथ फर्श के समानांतर होने चाहिये।
- कुर्सी मे एक बेकरेस्ट होना चाहिये जो आपके पीठ के निचले हिस्से को सहारा दे।
- कुर्सी को आपकी जांधों को पूरी तरह से सहारा देना चाहिये।
- आपके पैर 90-110डिग्री के कोण मे मुड़े होने चाहिये।
- आपके पैर फर्श पर सपाट होने चाहिये।
मोबाइल फोन का उपयोग करते समय सही मुद्रा |
- आंखों के तनाव और आंखों के सूखेपन को कम करने के लिए, और
- कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के असर को कम करने के लिए,नीचे दिए गए चित्र में बताए अनुसार 20-20-20 नियम का पालन करना महत्वपूर्ण है।
- हर 20 मिनिट के बाद 20 सेकंड का विराम लें, आप 20 फीट पे राखी कोई वस्तु कीओर देखें ।
कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम को कम करने के लिए 20-20-20 नियम। |
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आप 20 फीट पे राखी कोई वस्तु कीओर देखें । |
नीचे दिए गए नियम अपनाएं
- मल्टीटास्किंग से बचें,ऑफ़लाइन होमवर्क करते समय, सभी डिजिटल उपकरणों को बंद कर देना चाहिए।
- ऑनलाइन सामग्री और इंटरैक्शन को सह-देखकर और निगरानी करके बच्चों को सुरक्षित रखें।
- हिंसक सामग्री वाले कार्यक्रम और खेल को टालें।
- इसके अलावा, कंप्यूटर पर उचित गोपनीयता सेटिंग्स सुनिश्चित करें, ब्राउज़र और ऐप्स पर सुरक्षित खोज इंजनऔर एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर स्थापित करें।
- युवाबच्चों के लिए अनुपयुक्त वेबसाइटों तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए सुरक्षात्मक सॉफ़्टवेयरस्थापित करें।
- मीडिया के उपयोग से शैक्षिक उद्देश्यों के लिए प्रोत्साहित करें और शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा दें और मनोरंजन के लिए ऑफ़लाइन रचनात्मक खेल आयोजित करें।
- पारिवारिक मूल्य, स्वस्थ जीवन शैली, और मीडिया संदेशों की व्याख्या संप्रेषित करने के लिए मीडिया पर “सिखाने योग्य क्षणों” का उपयोग करें।
- उदाहरण के लिए,किशोरों के बीच आकस्मिक यौन मुठभेड़ दिखाने वाले धारावाहिक के सह-दर्शन के दौरान अनचाहे गर्भ की ओर ले जाने वाले गैरजिम्मेदार यौन व्यवहार के बारे में बात की जा सकती है।
- बेडरूम, डाइनिंग टेबल, किचन, बाथरूम और मोटराइज्ड वाहन जैसे क्षेत्रों को डिजिटल मुक्त चिह्नित करें, जिनमें परिवार का कोई भी सदस्य गैजेट का उपयोग नहीं करता।
- .डिजिटल उपवास का समय तय करें जब परिवार का कोई भी सदस्य किसी उपकरण का उपयोग न करे और उसका उपयोग पारिवारिक जुड़ाव के लिए करे।
- आपको स्वस्थ मीडिया उपयोग का आदर्श बनना चाहिए और पारिवारिक मीडिया उपयोग योजना तैयार करनी चाहिए।
9. मैंने पढ़ा है कि मीडिया नशे की तरह लत लगाने वाला है। मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा बच्चा मीडिया का आदी है? क्या मीडिया की लत लग सकती है ठीक हो जाओ?
- मीडिया के अस्वास्थ्यकर उपयोग का परिणाम लत हो सकता है।
- इंटरनेट गेमिंग की लत एक मानसिक विकार है ।
- यदि आपका बच्चा मीडिया का अनिवार्य रूप से उपयोग करता है, लालसा करता है, इसके उपयोग पर नियंत्रण खो दिया है।
- इसके लिए इसे बंद करने के लिए कहने पर हिंसक हो जाता है,शैक्षणिक प्रदर्शन मे गिरावट जैसे प्रतिकूल परिणाम और दोस्ती में हानि के बावजूद उपयोग जारी रखता है शायद वह आदी हो चुका है ।
- मीडिया की लत , ध्यान की कमी अतिसक्रियता (एडीएचडी), अवसाद(डिप्रेशन)और चिंता (एंज़ाएटि),जैसे अन्य विकारों के साथ जुड़ी हो सकती है।
- मीडिया की लत है तो पेशेवर मानसिक स्वास्थ्य परामर्श द्वारा इलाज किया जाता है।
जब भी आपको उपर दिये गये एक या ज्यादा रेड फ्लेग चिह्न मिले जल्द से जल्द बाल रोग विशेषज्ञ या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श लें।
10. मैं स्क्रीन के उपयोग को लेकर बहुत सावधान रहता हूं। क्या मेरे स्क्रीन टाइम का मेरे बच्चे पर प्रभाव पड़ता है?
- आपके स्क्रीन टाइम से आपके बच्चे पर असर पड़ता है।
- बच्चे सबसे अच्छा तब सीखते हैं जब केवल “करो” “कहने” के बजाय माता-पिता प्रदर्शित करें कि उन्हें क्या करना है।
- यदि आप डिजिटल स्वच्छता और जिम्मेदार डिजिटल नागरिकता का आदर्श हैं तो आपके बच्चे हेल्थी उपयोग का पालन करेंगे।
- यदि आप स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग करते हैं,आपका बच्चों के साथ सामाजिक मेलजोल का समय घट जाता है और इसका नकारात्मक असर बाल विकास पर पड़ता है।
याद रखने योग्य मुख्य बिंदु।
- स्क्रीन टाइम प्रति दिन स्क्रीन देखने में बिताया गया कुल समय है, जैसे कि मोबाइल फोन, टीवी, कंप्यूटर, टैबलेट, या कोई हाथ से पकड़ने वाला या दृश्य उपकरण।
- यदि आवश्यक गतिविधियों में से कोई भी जैसे नींद, शारीरिक गतिविधि, अध्ययन, परिवार, भोजन और शौक का समय स्क्रीन टाइम के कारण विस्थापित हो गया है, तो इसे अत्यधिक स्क्रीन टाइम कहा जाता है और इसे कम किया जाना चाहिए।
2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डिजिटल उपकरणों के उपयोग से बचें।
- स्वस्थ मीडिया का उपयोग सीखने, रचनात्मकता, सामाजिक संपर्क ,समग्र कल्याणको बढ़ावा देता है।
- अस्वस्थ मीडिया का उपयोग बच्चे की शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और शैक्षणिक प्रदर्शन प्रभावित करता है।
- डिजिटल नियम, डिजिटल स्वच्छता लागू करें और जिम्मेदार डिजिटल नागरिकता का प्रोत्साहन करें।.
- मीडिया की लत के लक्षण का पता चलने पर जल्द से जल्द मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श लें।
- स्वस्थ मीडिया उपयोग के लिए खुद एक रोल मॉडल बनें।
आशा करता हूँ, ये ब्लॉग आपको अच्छी जानकारी देगा,आपकी राय कूमेंट्स करके जरूर बताएं।
आपका आभारी।
डॉ पारस पटेल
एमएमबीएस डीसीएच