गैस्ट्रोएन्टेराइटिस( पेट का फ्लू) क्या है?दस्त
- गैस्ट्रोएन्टेराइटिस, जिसे आमतौर पर पेट का फ्लू भी कहा जाता है, बच्चों में एक सामान्य लेकिन असुविधाजनक समस्या है।
- यह पेट और आंतों की सूजन के कारण होता है, जिससे दस्त, उल्टी, पेट दर्द और बुखार जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
- बच्चों में यह समस्या अधिक गंभीर हो सकती है क्योंकि इससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।
इस ब्लॉग में हम बच्चों में गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के कारण
1. वायरल संक्रमण:
- नोरोवायरस, रोटावायरस, एडेनोवायरस और एस्ट्रोवायरस गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के मुख्य कारण होते हैं।
2. बैक्टीरियल संक्रमण:
- ई. कोलाई, सैल्मोनेला, शीगेला और कैंपिलोबैक्टर जैसे बैक्टीरिया भी इस बीमारी का कारण बन सकते हैं।
3. परजीवी संक्रमण:
- गिआर्डिया और क्रिप्टोस्पोरिडियम जैसे परजीवी भी गैस्ट्रोएन्टेराइटिस पैदा कर सकते हैं।
4. अन्य कारण:
- दूषित पानी या भोजन का सेवन, खराब स्वच्छता और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना।
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के लक्षण:
- बार-बार दस्त
- उल्टी
- पेट दर्द और ऐंठन
- बुखार
- मिचली
- भूख में कमी
- थकान और कमजोरी
बच्चों में गैस्ट्रोएन्टेराइटिस का उपचार:
1. तरल पदार्थ का सेवन:
- डिहाइड्रेशन से बचने के लिए बच्चे को अधिक से अधिक तरल पदार्थ पिलाएं।
- डबल्यूएचओ ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) देना सबसे अच्छा होता है।
- इसके अलावा, नारियल पानी, सूप, और शोरबा भी अच्छे विकल्प हैं।
2. आराम:
- बच्चे को अधिक से अधिक आराम करने दें।
- खेल-कूद और शारीरिक गतिविधियों से बचें ताकि शरीर को संक्रमण से लड़ने का समय मिल सके।
3. हल्का और सुपाच्य आहार:
- बच्चे को हल्का और सुपाच्य आहार दें।
- चावल, खिचड़ी, दही, केले और टोस्ट अच्छे विकल्प हैं।
- तैलीय, मसालेदार और भारी भोजन से बचें।
4. हैंड वाशिंग:
- बच्चों को हाथ धोने की आदत डालें, खासकर खाने से पहले और शौच के बाद।
- इससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा।
5. दवाएं:
- डॉक्टर की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें।
- एंटीबायोटिक्स आमतौर पर वायरल संक्रमण के लिए उपयोगी नहीं होते, इसलिए डॉक्टर से परामर्श के बिना दवा न दें।
6.प्रोबायोटिक्स:
- प्रोबायोटिक्स दस्त को कम करने और आंत की सेहत को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
- डॉक्टर की सलाह पर प्रोबायोटिक सप्लीमेंट या प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही दें।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
- बच्चा बहुत कम उम्र का हो (6 महीने से कम)
- बार-बार उल्टी और दस्त हो रहे हों
- बच्चा पानी या अन्य तरल पदार्थ नहीं ले पा रहा हो
- बच्चा सुस्त या बहुत कमजोर लग रहा हो
- उल्टी या दस्त में खून आ रहा हो
- बुखार 102°F (39°C) से अधिक हो
निवारक उपाय:
1. साफ-सफाई का ध्यान रखें:
हाथ धोने की आदत डालें और खाने के पहले और बाद में हाथ धोने की सिखाएं।
2.स्वच्छ जल का उपयोग:
- पीने के लिए साफ और सुरक्षित पानी का उपयोग करें।
- बाहर के दूषित पानी से बचें।
3. स्वच्छता का ध्यान रखें:
- किचन और बाथरूम की सफाई पर विशेष ध्यान दें।
- खाने को सही तरीके से स्टोर करें।
4. टीकाकरण:
- रोटावायरस वैक्सीन बच्चों को रोटावायरस के कारण होने वाले गैस्ट्रोएन्टेराइटिस से बचाने में मदद करता है।
- समय पर टीकाकरण कराएं।
निष्कर्ष:
- बच्चों में गैस्ट्रोएन्टेराइटिस एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन सही देखभाल और उपचार से इसे प्रबंधित किया जा सकता है।
- बच्चों को पर्याप्त तरल पदार्थ, सुपाच्य आहार, और आराम देकर इस बीमारी से जल्दी ठीक होने में मदद की जा सकती है।
- किसी भी गंभीर लक्षण के मामले में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।
- स्वच्छता और सही खान-पान के जरिए इस समस्या से बचा जा सकता है।
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आपका आभारी ।
डॉ पारस पटेल
एमबीबीएस डीसीएच